आज ओडिशा जाएंगे सिंगापुर के राष्ट्रपति; सेमीकंडक्टर सहित कई क्षेत्रों में सहयोग का वादा
भारत दौरे पर आए सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम आज से ओडिशा के दो दिवसीय दौरे पर जाएंगे। इस दौरान वह कोणार्क सूर्य मंदिर, वैक्सीन निर्माण संयंत्र और भुवनेश्वर में विश्व कौशल केंद्र का दौरा करेंगे। यह दौरा इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि थर्मन का 28 और 29 जनवरी को होने वाले उत्कर्ष ओडिशा: मेक-इन-ओडिशा सम्मेलन से पहले राज्य का यह पहला दौरा होगा। उनके साथ मंत्रियों, सांसदों और अधिकारियों सहित एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी होगा।
इससे पहले राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम से बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाकात की और दोनों नेताओं के बीच सेमीकंडक्टर, डिजिटलीकरण, कौशल, कनेक्टिविटी जैसे कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी। द्विपक्षीय संबंधों पर जोर देते हुए थर्मन ने कहा, सिंगापुर भारत में सबसे बड़ा निवेशक है और दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध भी मजबूत हैं, जो आगे भी बढ़ते रहेंगे।
थर्मन ने कहा, हम अब भारत के साथ अपने संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी में उन्नत करने के साथ एक नए पथ पर हैं। हम अपने मौजूदा सक्रिय संबंधों से परे उन्नत विनिर्माण और नेट जीरो औद्योगिक पार्कों के साथ-साथ नए उद्योगों के कौशल पर सहयोग करने पर काम कर रहे हैं। सिंगापुर भारत की विकसित देश बनने की महत्वाकांक्षा में निवेश कर रहा है। पांच दिवसीय भारत यात्रा पर आए शनमुगरत्नम ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी बातचीत की। इस दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। राष्ट्रपति मुर्मू और प्रधानमंत्री से मुलाकात से पहले उन्होंने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को शृद्धांजलि अर्पित की।
भारत स्वाभाविक साझेदार: थर्मन
राष्ट्रपति थर्मन ने भारत को अपना स्वाभाविक साझेदार बताया। 60 साल पहले पहली मिली आजादी को याद करते हुए राष्ट्रपति थर्मन ने कहा कि हम कभी नहीं भूलेंगे कि भारत 1965 में सिंगापुर की स्वतंत्रता को मान्यता देने वाले पहले कुछ देशों में से एक था और तब से हमारे संबंध तेजी से बढ़े हैं। छोटे देश सिंगापुर और बड़े देश भारत के बीच यह स्वाभाविक साझेदारी है।
वित्त मंत्री सीतारमण से मुलाकात
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने थर्मन से मुलाकात की। द्विपक्षीय बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा की। वित्त मंत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, सिंगापुर राष्ट्रपति से मिलकर गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। भारत सिंगापुर के साथ अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को महत्व देता है। उनकी यह यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगी, जो इसकी 60वीं वर्षगांठ का प्रतीक है।