राष्ट्रपति बोलीं- संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में अधिक महिलाओं को शामिल करना जरूरी

नई दिल्ली:  संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में अधिक संख्या में महिलाओं को शामिल करना जरूरी है क्योंकि वे लैंगिक हिंसा से निपटने, विश्वास कायम करने और संवाद को बढ़ावा देने में बेहतर ढंग से सक्षम हैं। यह बात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कही।

राष्ट्रपति भवन में मुलाकात करने आए महिला शांति सैनिकों के एक समूह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि शांति मिशन में महिलाओं की उपस्थिति इसे और अधिक विविध और समावेशी बनाती है। राष्ट्रपति ने कहा, “महिला शांति सैनिकों की स्थानीय समुदायों तक बेहतर पहुंच होती है और वे महिलाओं और बच्चों के लिए आदर्श बन सकती हैं। वे लिंग आधारित हिंसा से निपटने, विश्वास बनाने और संवाद को बढ़ावा देने के लिए बेहतर ढंग से सक्षम हैं।”

राष्ट्रपति ने कहा कि जिन शांति मिशनों में महिला कर्मियों का प्रतिशत अधिक है, वे हिंसा को कम करने तथा दीर्घकालिक शांति समझौते प्राप्त करने में अधिक प्रभावी रहे हैं। उन्होंने कहा, “इसलिए यह आवश्यक है कि हम संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में अधिकाधिक महिलाओं को शामिल करें।”

संयुक्त राष्ट्र के 50 से अधिक मिशनों में 2.90 लाख से अधिक भारतीय सैनिकों ने दी है सेवा
राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में योगदान के भारत के गौरवशाली इतिहास को याद किया। भारत के 2,90,000 (2.90 लाख) से अधिक शांति सैनिकों ने 50 से अधिक मिशनों में अपनी सेवा दी है। मुर्मू ने कहा, “आज, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए, नौ सक्रिय मिशनों में 5,000 से अधिक भारतीय शांति सैनिक तैनात हैं, जो अक्सर प्रतिकूल परिस्थितियों में भी तैनात रहते हैं।” राष्ट्रपति ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय महिला शांति सैनिक अपने कर्तव्य के निर्वहन में आगे रहीं हैं।

Related Articles

Back to top button