अब गृह मंत्रालय के पास पूर्व अग्निवीरों के ‘भविष्य’ की जिम्मेदारी, इस नियम में किया गया संशोधन

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पूर्व अग्निवीरों के भविष्य को लेकर बड़ा कदम उठाया है। अब केंद्रीय गृह मंत्रालय को उनके ‘आगे के विकास और समन्वय’ की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, इसके लिए 1961 के व्यवसाय नियमों का आवंटन में संशोधन किया गया है। इस नियम में गृह मंत्रालय के ‘राज्य विभाग’ के तहत एक नया बिंदु जोड़ा गया है, जिसमें कहा गया है कि गृह मंत्रालय अब ‘पूर्व अग्निवीरों की आगे की प्रगति के लिए समन्वय’ करेगा।
क्या है अग्निपथ योजना?
सरकार ने जून 2022 में अग्निपथ योजना शुरू की थी। इसका उद्देश्य सेना, नौसेना और वायुसेना की औसत उम्र को कम करना है। इस योजना के तहत 17.5 से 21 साल के युवाओं को चार साल के लिए ‘अग्निवीर’ के रूप में सेना में भर्ती किया जाता है। इनमें से 25 प्रतिशत को 15 साल की और सेवा का मौका मिल सकता है।
पूर्व अग्निवीरों के लिए रोजगार के अवसर
सरकार पहले ही यह घोषणा कर चुकी है कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (जैसे सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, एसएसबी आदि) में कांस्टेबल पदों की भर्तियों में 10% आरक्षण पूर्व अग्निवीरों के लिए रहेगा। बता दें कि, इन बलों में हर साल करीब 10-12 हजार कांस्टेबल भर्ती होते हैं। अच्छी बात यह है कि इन पूर्व अग्निवीरों को भर्ती में फिजिकल टेस्ट नहीं देना होगा, क्योंकि यह टेस्ट वे सेना में पहले ही पास कर चुके होते हैं। उन्हें केवल एक फिटनेस सर्टिफिकेट देना होगा।
अन्य सरकारी विभागों की भी तैयारी
गृह मंत्रालय के अलावा कई अन्य केंद्र सरकार के विभाग भी पूर्व अग्निवीरों को भर्ती करने की योजना बना रहे हैं। इससे इन जवानों को देश की सेवा के बाद एक अच्छा करियर विकल्प मिल सकेगा।