‘अरुणाचल में हिंदी जोड़ने वाली भाषा’, सीएम पेमा खांडू बोले- हमें इसे सीखने में कोई समस्या नहीं

ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा है कि हिंदी उनके राज्य के लिए जोड़ने वाली भाषा है और उनके राज्य के लोगों को इसे सीखने में कोई समस्या नहीं है। पेमा खांडू ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में जब से शिक्षा आई है, तब से ही हिंदी राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा रही है। गौरतलब है कि पेमा खांडू का यह बयान ऐसे समय आया है, जब महाराष्ट्र में भाषा को लेकर विवाद हो रहा है और इसे लेकर हंगामा जारी है।
मुख्यमंत्री ने बताया- क्यों है हिंदी जोड़ने वाली भाषा
एक इंटरव्यू में पेमा खांडू ने कहा कि ‘अरुणाचल प्रदेश में इतनी विविधता है कि यहां 26 प्रमुख जनजातियां और 100 से ज़्यादा उप-जनजातियां रहती हैं और ये सभी अपनी-अपनी भाषाएं और बोलियां बोलती हैं। अगर मैं अपनी बोली, अपनी भाषा में बोलूंगा, तो दूसरी जनजाति के लोग समझ नहीं पाएंगे। इसलिए हर कोई हिंदी बोलता है। व्याकरण संबंधी गलतियां जरूर होंगी, लेकिन अगर आप किसी गांव में भी जाएं, तो सभी ग्रामीण हिंदी समझेंगे और बोलेंगे। हम चुनाव प्रचार में और विधानसभा में भी हिंदी बोलते हैं।’
‘अपनी भाषा को संरक्षित करना जरूरी’
खांडू ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश एक रणनीतिक स्थान है जहां विभिन्न राज्यों से आने वाले सुरक्षा बलों के जवान तैनात रहते हैं और ज़्यादातर हिंदी में बात करते हैं। कुछ राज्यों में हिंदी के विरोध के बारे में पूछे जाने पर, मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हर किसी की अपनी मातृभाषा होती है, हर राज्य की अपनी भाषा होती है और हर जनजाति की अपनी भाषा भी होती है। इसे महत्व दिया जाना चाहिए। यहां तक कि मैं भी, अपने राज्य में, मानता हूं कि जनजातियों की विभिन्न भाषाओं को संरक्षित किया जाना चाहिए।’