कांवड़ में बैठा शिवालय में कराया जलाभिषेक, छह माह 11 दिन कंधे पर लाद की चारधाम यात्रा

बदायूं:आपने कांवड़ में जल ले जाते तो कई लोगों को देखा होगा, लेकिन कांवड़ में अपनी मां को ले जाते शायद ही किसी को देखा हो। इन्हें देख श्रवण कुमार की मातृ-पितृ भक्ति की याद आती है। सनातन परंपराओं का गौरव बने दो भाइयों ने अपने पिता की मृत्यु के बाद मां को ही सब कुछ माना है। इस कलियुग में ये दोनों भाई ओरों को प्रेरणा के लिए स्रोत बन गए हैं।
यूपी के बदायूं स्थित बिसौली क्षेत्र के नूरपुर-नागपुर निवासी धीरज मौर्य व तेजपाल मौर्य सगे भाइयों ने मातृ-भक्ति की मिसाल पेश की है। किसान परिवार में जन्में इन भाइयों के पिता भगवान दास मौर्य का निधन वर्ष 2013 में ही हो गया था। तब दोनों की उम्र मात्र 8-10 वर्ष थी। पिता की मृत्यु के बाद परिवार की जिम्मेदारी मां राजेश्वरी देवी पर आ पड़ी। जिसमें दोनों बेटों ने मां का पूरा साथ दिया।
वर्ष 2024 में दोनों भाइयों ने अपनी मां की वर्षों पुरानी तीर्थ यात्रा की इच्छा, उन्हें कंधों पर बैठाकर पूरी की। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ, नीलकंठ, सुरकंडा देवी, शक्तिपीठ, अयोध्या जैसे तीर्थों के दर्शन कराए। पूरी यात्रा छह महीने 11 दिन में पूरी हुई थी। जनवरी 2025 में धीरज मौर्य मां को खाटू श्याम की जन्मस्थली चुलकाना धाम, गोगामेड़ी, जाहरवीर बाबा गोगाजी के बाद सीकर राजस्थान स्थित खाटू श्याम मंदिर के भी दर्शन कराए।
सावन माह में लोग कांवड़ से जल चढ़ा रहे हैं, तो इन दोनों भाइयों ने अपनी मां को कांवड़ में बैठाकर गांव के शिव मंदिर में शिवतेरस के दिन जल चढ़वाया। यह दृश्य लोगों को भाव-विभोर करने वाला था। धीरज मौर्य रिक्शा चलाकर परिवार चलाता है। अपने छोटे भाई को आर्मी में भर्ती की तैयारी कर रहा है। दोनों भाइयों ने बहन पार्वती की पिछले वर्ष धूमधाम से शादी की। इन्हें देख लोगों का कहना है कि धीरज और तेजपाल जैसे बेटे हर परिवार को नसीब से ही मिलते हैं।