किसान, आम आदमी से लेकर व्यापारियों को ऐसे होगा फायदा, जानें डील के बाद देश में क्या होगा सस्ता

भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की मौजूदगी में गुरुवार को लंदन में एग्रीमेंट पर दस्तखत हुए। केंद्रीय मंत्री वाणिज्य उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड ने इस समझौते पर दस्तखत किए। इसे लेकर दोनों देशों के बीच 3 साल से बातचीत चल रही थी। इस समझौते के बाद नेताओं ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान पीएम मोदी ने समझौते को ऐतिहासिक बताते हुए खुशी जताई। हालांकि इस समझौते को अभी ब्रिटिश संसद से मंजूरी मिलना बाकी है। इसमें 6 महीने से 1 साल तक का वक्त लग सकता है।

इस समझौते से भारत से ब्रिटेन को होने वाले 99 प्रतिशत निर्यात पर टैरिफ यानी आयात शुल्क में राहत मिलेगी। इसका मतलब है कि भारत से जो सामान ब्रिटेन भेजा जाएगा, उस पर लगने वाला टैक्स या तो बहुत कम हो जाएगा या पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। जबकि ब्रिटेन की कंपनियों के लिए भी यह समझौता फायदेमंद होगा। अब उन्हें भारत में व्हिस्की, कार और दूसरे उत्पाद बेचने में पहले से ज्यादा आसानी होगी। भारत इन उत्पादों पर टैरिफ को घटाकर 15 प्रतिशत से 3 प्रतिशत करेगा। समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार हर साल करीब 3 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ सकता है। इस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के कारण देश के युवाओं को बेहतर मौके मिलेंगे। स्किल, डेवलपमेंट और एंप्लॉयमेंट की अवसर बेहतर होंगे। इससे सबसे ज्यादा फायदा सर्विस सेक्टर को मिलेगा।

यह समझौता भारत के लगभग 99 प्रतिशत निर्यात पर से शुल्क समाप्त कर देगा। जिससे भारतीय वस्तुओं को ब्रिटिश बाजार में व्यापक और सुगम पहुंच मिलेगी। इससे कृषि और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। जबकि टेक्सटाइल, समुद्री उत्पाद, रसायन, इलेक्ट्रॉनिक्स, और फार्मास्युटिकल्स जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों पर से 8 प्रतिशत से लेकर 20 प्रतिशत तक के शुल्क समाप्त किए गए हैं। इसके अलावा प्रोसेस्ड फूड श्रेणी में 99.7 प्रतिशत उत्पादों पर से 70 प्रतिशत तक की ड्यूटी शून्य कर दी गई है। भारतीय किसानों को उच्च मूल्य वाली कृषि उत्पादों जैसे बासमती चावल, आम, अंगूर, चाय, मसाले, डेयरी उत्पाद, और समुद्री खाद्य सामग्री के लिए यूके बाजार में नई संभावनाएं मिलेंगी।

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