गढ़ी लूट की कहानी, पुलिस ने खोजा तो पता चला ग्राम विकास अधिकारी ही नहीं है युवक

हरदोई: बेहटागोकुल थाना क्षेत्र के सिधौली गांव निवासी युवक तकरीबन 18 घंटे तक परिजनों और पुलिस के लिए परेशानी का सबब बना रहा। शनिवार सुबह एक खेत में पड़े मिले युवक ने लूट की कहानी गढ़ी, लेकिन पुलिस की जांच में नए-नए राज खुल गए। जांच के दौरान ही पता चला कि युवक खुद को ग्राम विकास अधिकारी बताकर पिछले आठ माह से परिजनों और रिश्तेदारों को भी बरगला रहा था।
सिधौली निवासी सनोज कुमार राठौर खुद को ग्राम विकास अधिकारी बताता था। तैनाती शाहजहांपुर में होने की जानकारी परिजनों को दी थी। शुक्रवार को वह ड्यूटी करने के लिए निकला। देर शाम तक वापस न आने पर परिजनों ने तलाश शुरू की और फिर कोई सुराग न मिलने पर गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया। शनिवार सुबह गांव से एक किलोमीटर दूर कल्लू के खेत में वह बेहोशी की हालत में पड़ा मिला। उसके मोबाइल की लोकेशन के आधार पर पुलिस ने उसे खोज निकाला। उसको मेडिकल कॉलेज हरदोई लाया गया। मेडिकल में वह स्वस्थ मिला और शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं मिले।
इस दौरान उसने पुलिस को बताया कि उसके पास से तीन लाख रुपये भी लूट लिए गए। यह रुपये शाहजहांपुर के स्टेट बैंक के ई-कॉर्नर से निकाले जाने का दावा उसने किया था। पुलिस ने पड़ताल की तो पता चला कि सनोज शनिवार को शाहजहांपुर गया ही नहीं। वह लखनऊ में था और एक महिला से उसकी मुलाकात हुई थी। इसी बीच अधिकारियों ने उसके तैनाती जनपद शाहजहांपुर में संपर्क किया तो पता चला कि सनोज नाम का कोई कर्मचारी वहां तैनात नहीं है। पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने बताया कि यह स्पष्ट है कि युवक के साथ न तो लूट हुई है और न ही मारपीट। वह झूठ क्यों बोल रहा है और परिजनों को नौकरी में होने की जानकारी क्यों दी, इसको लेकर जांच की जा रही है।
परिजनों को बताया था तिलहर में मिली है तैनाती
विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि सनोज ने नवंबर 2024 में ग्राम विकास अधिकारी के पद पर नौकरी लग जाने की बात परिजनों को बताई थी। तब उसने बताया था कि तिलहर विकास खंड में उसे तैनाती दी गई है। तब से वह रोज ट्रेन से शाहजहांपुर जाता था। आमतौर पर बरेली बनारस एक्सप्रेस ट्रेन से वह वापस आता था। परिजनों को भी शनिवार को ही पता चला कि वह ग्राम विकास अधिकारी नहीं है। परिजन भी हतप्रभ हैं। इस सबके बीच पुलिस को उसका फर्जी नियुक्ति पत्र भी मिला है।