छोटे बच्चों के स्कूलों पर बड़े खतरे, जर्जर भवन, दीवारों में दरार, छतों में सीलन, हर पल लगा रहता डर

हाथरस: राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने से स्कूली बच्चों की मौत की घटना ने हाथरस में भी उन अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है, जिनके बच्चे रोजाना जर्जर विद्यालय भवनों में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। मांग उठ रही है कि यहां भी जल्द ही जर्जर भवनों में विद्यालयों का संचालन बंद कराया जाए, ताकि झालावाड़ जैसे हादसे की पुनरावृत्ति न हो सके।
जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के जर्जर विद्यालय भवनों को दो साल पूर्व ही धवस्त करा दिया गया था। विभागीय अधिकारियों के निर्देश पर जिले के करीब 225 जर्जर विद्यालय भवनों को ध्वस्त कराया गया। कुछ विद्यालय भवनों का दोबारा निर्माण भी शुरू हो गया।
संविलियन विद्यालय दयानतपुर की छत का गिरा प्लास्टर
जिले के करीब 106 विद्यालय ऐसे हैं, जिनकी मजबूती पर विभाग को संशय है। कुछ विद्यालयों में सीलन की समस्या है तो कुछ में बारिश के दिनों में पानी टपकता है। यदि जल्द ही इन भवनों में विद्यालयों का संचालन नहीं रोका गया तो यहां भी हादसे की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। जर्जर भवनों में बच्चों को न पढ़ाने के लिए पूर्व में भी निर्देश जारी किए गए थे। एक बार फिर इस बारे में सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा।-स्वाति भारती, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
केस-1
दयानतपुर के स्कूल की चटक रहीं दीवारें
संविलियन विद्यालय दयानतपुर में बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ रहे। आलम यह है कि स्कूल की कक्षाओं की दीवारें चटक रही हैं। छतों से प्लास्टर गिर रहा है। छतों पर घास भी उग आई है। ऐसे में यह भवन कभी भी हादसे का सबब बन सकता है।
केस-2
कछपुरा के स्कूल भवन में आ रही सीलन
प्राथमिक विद्यालय कछपुरा की कक्षाओं में बारिश से सीलन आ रही है। छत के जरिये पानी की बूंदें गिर रही हैं। ऐसे में बच्चे सीलन भरे कमरे में पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं।