जिनपिंग ने भारत की ओर बढ़ाया दोस्ती का हाथ, कहा- ड्रैगन-हाथी टैंगो के रूप में मजबूत हों रिश्ते

चीन ने एक बार फिर भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को कहा कि चीन और भारत को और अधिक निकटता से मिलकर काम करना चाहिए। दोनों देशों रिश्ते को ड्रैगन-हाथी टैंगो का रूप लेना चाहिए। यह हमारे प्रतीकात्मक जानवरों के बीच नृत्य है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चीन-भारत के राजनयिक संबंधों की शुरुआत की 75वीं वर्षगांठ पर बधाई संदेश में चीनी राष्ट्रपति ने यह बात कही। इस मौके पर राष्ट्रपति मुर्मू ने भी चीनी राष्ट्रपति को बधाई दी।
शी जिनपिंग ने कहा कि पड़ोसियों को शांतिपूर्ण ढंग से सह-अस्तित्व के तरीके ढूंढने चाहिए। वह प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मामलों में संचार और समन्वय को बढ़ाने, सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति की रक्षा करने के लिए तैयार हैं। राष्ट्रपति शी ने मुर्मू को भेजे अपने संदेश में कहा कि चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यताएं, प्रमुख विकासशील देश और वैश्विक दक्षिण के महत्वपूर्ण सदस्य अपने-अपने आधुनिकीकरण प्रयासों के महत्वपूर्ण चरण में हैं। चीन-भारत संबंधों का विकास दर्शाता है कि चीन और भारत के लिए पारस्परिक उपलब्धि के भागीदार बनना और ‘ड्रैगन हाथी टैंगो’ को साकार करना सही विकल्प है, जो दोनों देशों और उनके लोगों के मौलिक हितों की पूरी तरह से रक्षा करता है।
पीटीआई के मुताबिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि स्थिर, पूर्वानुमानित और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंध से दोनों देशों और विश्व को लाभ होगा। इसके अलावा चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई संदेशों का आदान-प्रदान किया।
इससे पहले चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों का ऐतिहासिक क्रम दर्शाता है कि एक-दूसरे की सफलता में योगदान देने वाले साझेदार बनना तथा ‘ड्रैगन और हाथी’ का नृत्य दोनों पक्षों के लिए सही विकल्प है। गुओ ने कहा कि दोनों देशों के नेताओं के रणनीतिक मार्गदर्शन में चीन द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में देखने और संभालने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है। दोनों देशों को प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मामलों में संचार और समन्वय को मजबूत करना चाहिए। सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति बनाए रखना चाहिए और चीन-भारत संबंधों को सुदृढ़ और स्थिर विकास के पथ पर आगे बढ़ाना चाहिए।