‘टारगेट 2050’…धर्मांतरण गिरोह पर बड़ा खुलासा, लोगों को इस्लाम से जोड़ना था मकसद; फलस्तीन से भी कनेक्शन

आगरा:  धर्मांतरण केस में बड़ा खुलासा हुआ है। धर्मांतरण गिरोह का वर्ष 2050 तक पूरे भारतवर्ष में इस्लाम को फैलाने का टारगेट था। इसको लेकर लगातार गिरोह कार्य कर रहा था। गिरोह के सदस्य डार्क वेब पर सक्रिय रहते थे। साथ ही अपनी बातचीत को गोपनीय रखने के लिए विभिन्न ऑनलाइन गेम्स का भी सहारा लेते थे। शनिवार को पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने प्रेस वार्ता में इसका खुलासा किया। साथ ही गिरोह से जुड़े अब 14 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि यह एक संगठित ग्रुप है, जो अब्दुल रहमान निवासी दिल्ली एवं आयशा निवासी गोवा के नेतृत्व में कार्य कर रहा था। अब्दुल रहमान फिरोजाबाद का रहने वाला था, जिसने 1990 में अपना धर्म परिवर्तन किया था। यह एटीएस द्वारा जेल भेजे गए कलीम सिद्दीकी का सबसे करीबी सहयोगी था।

पुलिस के अनुसार धर्मांतरण की शिकार युवती ने पूछताछ में बताया कि जब वो कश्मीर में रहती थी तो उसके दोस्तों ने उसे दावाह के लिए बुलाया था। बताया कि 2050 तक पूरे भारतवर्ष में इस्लाम को हम लोग फैलाएंगे। पुलिस के अनुसार दावाह इस्लाम की एक प्रथा है, जिसमें इस्लाम को मानने वाले अन्य धर्म के लोगों को बौद्धिक विमर्श के लिए आमंत्रित किया जाता है। इनके बौद्धिक विमर्श के बाद अपने धर्म में इनको शामिल करते हैं।

पुलिस के अनुसार जितनी भी लड़कियों और लड़कों का धर्मांतरण कराया गया, उन सभी ने बताया कि पहले उनके दोस्त दावाह के लिए बुलाते हैं। इसके बाद अपने धर्म की अच्छाइयां व दूसरे धर्म के प्रति नकारात्मक बातों को दिमाग में भरा जाता है। यदि किसी को अपने परिवार से कोई समस्या है तो परिवार के बारे में भी नकारात्मक बातें दिमाग में भरते हैं। जो लोग इस कार्य में शामिल हैं वो लोग थाना, न्यायालय, अस्पताल एवं बगीचे आदि जैसी जगहों पर सक्रिय रहते हैं। इन जगहों पर दुखी लोग ज्यादा जाते हैं। इन लोगों का दावाह के माध्यम से धर्मांतरण का प्रयास किया जाता है।

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