‘डीजीपी की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे’, त्रिपुरा सरकार ने सर्वोच्च अदालत में कहा

नई दिल्ली: त्रिपुरा की सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वे डीजीपी की नियुक्ति में सर्वोच्च अदालत के आदेश का पालन कर रहे हैं। त्रिपुरा सरकार ने कहा कि उन्होंने डीजीपी की नियुक्ति की प्रक्रिया 7 मार्च से शुरू भी कर दी है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने एनजीओ मोंद्रा की याचिका पर सुनवाई की। इस याचिका में त्रिपुरा सरकार पर आरोप लगाया गया कि वे डीजीपी की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के पुलिस सुधार संबंधी साल 2006 के आदेश का पालन नहीं कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे ये निर्देश
साल 2006 में प्रकाश सिंह मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि कानून व्यवस्था से इतर जांच के साथ ही सरकार को डीजीपी की नियुक्ति से पहले संघ लोकसेवा आयोग से भी चर्चा करनी चाहिए। आदेश के अनुसार, डीजीपी का चुनाव मौजूदा डीजीपी के रिटायरमेंट से पहले ही कर लिया जाना चाहिए और यह वरिष्ठता, अनुभव और मेरिट के आधार पर होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि एडहॉक डीजीपी की नियुक्ति के बजाय राज्यों को पूर्णकालिक डीजीपी की नियुक्ति करनी चाहिए। इसके लिए यूपीएससी तीन वरिष्ठ अधिकारियों के नाम राज्य सरकार को सुझाए, जिनमें से सरकार किसी एक नाम पर सहमति दे।
याचिका में आरोप लगाया गया कि त्रिपुरा की डीजीपी की नियुक्ति में न्यायपालिका के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। साथ ही नियुक्ति में पारदर्शिता और मेरिट का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। इस पर राज्य सरकार की तरफ से पेश हुए वकीलों ने याचिकाकर्ता के दावे को खारिज कर दिया और कहा कि न्यायपालिका के आदेश के तहत ही नियुक्ति की जा रही है और 7 मार्च को इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है।