पूर्व राजनयिक ने ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ की, बोले- सैन्य दृष्टिकोण से यह हमला अहम

नई दिल्ली:भारत ने 6-7 मई की मध्य रात्रि को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। भारत ने 25 मिनट के भीतर पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर पहलगाम आतंकी हमले का हिसाब बराबर कर लिया। हर कोई भारत की सैन्य कार्रवाई का समर्थन कर रहा है। इसी कड़ी में पूर्व राजनयिक केपी फैबियन ने भी गुरुवार को ऑपरेशन सिंदूर की प्रशंसा की। उन्होंने इस ऑपरेशन को संतुलित और सोच- समझकर किया गया बताया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के हमले से पाकिस्तान दहल गया है, लेकिन वह खुद को असहाय नहीं दिखाना चाहता है।

भारतीय हमले की गूंज पाकिस्तान में दूर तक गई है
उन्होंने एएनआई समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने बिना पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश किए ही हमला किया है। पुलवामा हमले के बाद ऐसा पहली बार हुआ है। फैबियन ने कहा कि भारतीय हमले की गूंज पाकिस्तान में बहुत दूर तक गई है। इसके साथ ही यह हमला सैन्य दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद जवाबी कार्रवाई करने का वादा किया है, क्योंकि वह खुद को असहाय नहीं दिखाना चाहते हैं।

पाकिस्तान खुद को असहाय नहीं दिखाना चाहता है
फैबियन ने पाकिस्तान की गीदड़भभकी को लेकर कहा कि पाकिस्तान ऑपरेशन सिंदूर के बाद से खुद को असहाय नहीं दिखाना चाहता है। पाकिस्तान खुद इस दुविधा में है कि क्या जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए, अगर करनी है, तो कैसे जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए । पहले की एक रिपोर्ट में उन्होंने कहा था कि हमने पहले ही जवाबी कार्रवाई कर दी है। लेकिन उस बयान का कोई आधार नहीं था। वह शायद भारतीय विमानों को मार गिराने के बारे में झूठे दावों का जिक्र कर रहे थे।

दक्षिण एशिया में एक और युद्ध नहीं चाहते ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव पर गहरी चिंता जाहिर की थी। इस पर फैबियन ने जोर देकर कहा कि डोनाल्ड ट्रंप दक्षिण एशिया में एक और बड़ा युद्ध नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने पहले यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने का वादा किया था। ऐसे में वे राष्ट्रपति बनने के बाद दक्षिण एशिया में एक और बड़ा युद्ध नहीं चाहते हैं। फैबियन ने आगे कहा कि चीन पाकिस्तान का सहयोगी है। चीनी मीडिया स्वाभाविक रूप से पाकिस्तान को अच्छी छवि में दिखाने की कोशिश करेगी। चाहे वह सच हो या झूठ,। इसलिए हमारे दूतावास ने सही काम किया और उन्हें कहा कि भारत से संबंधित कहानियां को प्रकाशित करने से पहले क्रॉस-चेक करने की जरूरत है।

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