भाजपा में नामों पर नहीं बनी सहमति, लखनऊ नगर निगम कार्यकारिणी का चुनाव फिर टला

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में नगर निगम की 12 सदस्यीय कार्यकारिणी के छह पदों पर नए सदस्यों का चुनाव फिलहाल टल गया है। यह चुनाव मंगलवार को होना था। लेकिन, भाजपा के भीतर चल रही गुटबाजी और महापौर-संगठन के बीच सहमति न बनने के कारण यह निर्णय फिर आगे बढ़ा दिया गया है।
दरअसल, एक जून को कार्यकारिणी के छह सदस्य सेवानिवृत्त हो गए थे। भाजपा को इनमें से पांच और सपा को एक पद दिया जाना तय था। भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी ने रविवार को छह नाम महापौर को भेजे और शर्त रखी कि चुनाव सिर्फ पांच नामों पर ही होगा, लेकिन महापौर के पास भेजे गए सभी नाम उनके विरोधी गुट से जुड़े माने जाते हैं, जो पहले भी रामकी मसले पर महापौर का खुलकर विरोध कर चुके हैं। ऐसे में महापौर खेमे की अनदेखी से टकराव और बढ़ गया।
जानकारों का मानना है कि भले ही एक नाम हटा दिया जाता, तब भी महापौर की सहमति नहीं बनती। इस कारण सोमवार शाम चुनाव टालने की घोषणा करनी पड़ी। महापौर ने एक जुलाई से संभावित भारी बारिश को कारण बताया है और कहा कि अधिकारी फील्ड में व्यस्त रहेंगे, ऐसे में चुनाव फिलहाल संभव नहीं है।
विकास कार्यों पर पड़ेगा असर
वरिष्ठ पार्षद यावर हुसैन रेशू ने कार्यकारिणी चुनाव बार-बार टालने पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि इससे सफाई, जलभराव, सड़क, पार्क और प्रकाश जैसी जनसमस्याएं प्रभावित होंगी और अफसरों की मनमानी बढ़ेगी। कार्यकारिणी होती तो जवाबदेही तय की जा सकती थी।