महायुति में खींचतान! शिरसाट ने राज्य मंत्री द्वारा ‘बिना बताए’ विभागीय बैठक करने पर जताई आपत्ति

मुंबई:  महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में दरार एक बार फिर सामने आ गई है। सामाजिक न्याय विभाग मंत्री संजय शिरसाट (शिवसेना-शिंदे गुट) ने अपनी सहयोगी और विभाग की राज्य मंत्री माधुरी मिसाल (भाजपा) द्वारा अधिकारियों के साथ बिना सूचना के बैठक करने पर नाराजगी जताई है। वहीं मिसाल ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि यह उनका अधिकार क्षेत्र है और वह आगे भी ऐसी बैठकें करती रहेंगी।

शिरसाट ने माधुरी मिसाल को लिखा पत्र
इस बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री शिरसाट ने इस सप्ताह की शुरुआत में राज्य मंत्री माधुरी मिसाल को एक पत्र लिखकर पूछा कि क्या वह भविष्य में अधिकारियों के साथ ऐसी बैठकें करने की योजना बना रही हैं? इस घटना ने एक बार फिर सत्तारूढ़ सहयोगियों, खासकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और भाजपा के बीच मतभेदों को उजागर कर दिया है।

शिरसाट ने कहा, राज्य मंत्री, कैबिनेट मंत्री, उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री का एक पदानुक्रम होता है। इसलिए मैंने उनसे पूछा है कि अगर ऐसी बैठकें होनी हैं तो मुझे बताएं। मेरा इरादा बिल्कुल स्पष्ट था कि कुछ ऐसे पहलू हैं जिन पर निर्णय लेना होगा जो न तो राज्य मंत्री के अधिकार क्षेत्र में है और न ही मेरे।

माधुरी मिसाल का पलटवार
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए माधुरी मिसाल ने कहा कि पिछले 7-8 महीनों से वह न केवल सामाजिक न्याय विभाग, बल्कि शहरी विकास, परिवहन, चिकित्सा शिक्षा और अल्पसंख्यक विकास विभागों के अधिकारियों के साथ नियमित रूप से बैठकें कर रही हूं। मैं राज्य मंत्री हूं और मेरी जिम्मेदारी है कि मैं जनता से जुड़े मुद्दों पर अधिकारियों और विधायकों के साथ बैठकें करूं। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी मुझे ऐसी बैठकें करने के लिए प्रोत्साहित किया है ताकि व्यवस्था को बेहतर ढंग से समझा जा सके।

माधुरी मिसाल ने कहा कि विधानसभा में प्रश्नों का उत्तर देने और ध्यानाकर्षण प्रस्तावों के जवाब के दौरान उन्होंने घोषणा की थी कि वह मुद्दों के समाधान के लिए साथी विधायकों और अधिकारियों के साथ बैठकें करेंगी। उन्होंने आगे कहा कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते भी, लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए बैठकें आयोजित करना आवश्यक है।

Related Articles

Back to top button