मुरादाबाद कमिश्नर…किसी भी दल को क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं, सपा नेता करें सहयोग

मुरादाबाद:  संभल में हिंसा के बाद तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर मुरादाबाद मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि हालात सामान्य होने तक किसी भी प्रतिनिधिमंडल को क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। शनिवार को उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा कि संभल में स्थायी आदेश लागू हैं। अभी किसी को क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं है।

जब स्थिति सामान्य हो जाएगी, तब वहां जाने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) से सहयोग करने और अपनी प्रस्तावित यात्रा को स्थगित करने की अपील की। कमिश्नर ने कहा कि संभल में हालात को और खराब होने से बचाने के लिए सपा को हमारे साथ सहयोग करना चाहिए। अभी जांच जारी है और हम साक्ष्य एकत्र कर रहे हैं। अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

सपा ने मांगा मुआवजा, तय होगी नई तारीख
उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडे ने कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव से परामर्श के बाद संभल दौरे की नई तारीख तय की जाएगी। उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच लाख रुपये की सहायता देने का फैसला किया है। हम मांग करते हैं कि सरकार पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दे और घटना की निष्पक्ष जांच हो।

इस बीच, सपा के आधिकारिक एक्स हैंडल से दावा किया गया कि शनिवार को यूपी सपा अध्यक्ष श्यामलाल पाल को नजरबंद कर दिया गया। पार्टी ने यूपी पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हुए राज्य सरकार पर संविधान और लोकतंत्र के अपमान का आरोप लगाया।

मस्जिद पर सर्वे के आदेश के बाद बढ़ा तनाव
संभल में 19 नवंबर को उस समय तनाव बढ़ गया जब स्थानीय अदालत ने जामा मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया। इस आदेश के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई। यह विवाद तब शुरू हुआ जब अदालत में एक याचिका दायर की गई, जिसमें मस्जिद स्थल को पहले का हरिहर मंदिर होने का दावा किया गया।

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