राजधानी के 125 विद्यालयों में खुले में पकता है मिड-डे मील…रसोई निर्माण के लिए एक करोड़ मंजूर

देहरादून:  देहरादून जिले के 125 सरकारी स्कूलों (प्राथमिक व जूनियर) में अब तक रसोई ही नहीं है। इन स्कूलों में खुले में मिड-डे मील बनाया जा रहा है। इससे भोजन की गुणवत्ता पर खतरा मंडराता रहता है।

पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना की समीक्षा के दौरान जब यह सच डीएम सविन बंसल के सामने आया तो उन्होंने तत्काल अनटाइड फंड से एक करोड़ रुपये जारी कर स्कूलों में रसोई का निर्माण कराने के निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि इस कार्य में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। सभी स्कूलों में मध्याह्न भोजन के लिए रसोई का निर्माण अतिशीघ्र कर लिया जाए। उन्होंने कहा, भोजन में गुणवत्ता व पोषक तत्वों का विशेष ध्यान रखें।

जीर्णशीर्ण 695 विद्यालयों में रसोई की होगी मरम्मत
जिलाधिकारी सविन बंसल ने बुधवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना की समीक्षा के लिए क्रियान्वयन व अनुश्रवण समिति की बैठक ली। इसमें पीएम पोषण योजना की प्रगति, मिड-डे मील की गुणवत्ता, अतिरिक्त सप्लीमेन्ट्री न्यूट्रीशन व बच्चों के विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गंभीरता से चर्चा कर निर्देश दिए। डीएम ने जीर्णशीर्ण 695 विद्यालयों में रसोई की मरम्मत को भी जिला प्लान में शामिल करने के निर्देश दिए।

रसोई से हटाएं एल्यूमीनियम के बर्तन
डीएम ने कहा, खाना पकाने के सभी बर्तन लोहे के हों। एल्यूमीनियम के सभी बर्तनों को तत्काल हटाया जाए। दरअसल, इसके पीछे डीएम की मंशा है कि लोहे के बर्तनों में पके भोजन से बच्चों को अधिकतम आयरन प्राप्त हो सके। एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना पकाने से आयरन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व भोजन में अपेक्षाकृत कम हो जाते हैं। इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना पकाने से पोषक तत्वों का अवशोषण कम होता है। एल्युमीनियम आयरन और कैल्शियम जैसे तत्वों को सोख लेता है, जिससे वे भोजन में नहीं पहुंच पाते। इससे बच्चों की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। डीएम ने कहा, लोहे के बर्तन खरीदने के लिए स्कूल ग्रांट का उपयोग करें। आवश्यकता पड़ी तो प्रोजेक्ट उत्कर्ष से बजट उपलब्ध कराया जाएगा।

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