रियल एस्टेट क्षेत्र को बजट में आवश्यक सुधारों की उम्मीद, रेपो दर और स्टांप ड्यूटी कम करने की मांग

बजट आने में अब कुछ ही दिन बाकी हैं और विभिन्न उद्योग अपनी मांग को पेश कर रहे हैं। इस कड़ी में रियल एस्टेट क्षेत्र ने अपनी किफायती आवास क्षेत्र में आ रही चुनौतियां को कम करने और ऐसी नीतियों की घोषणाओं पर विचार करने की मांग है, साथ ही बुनियादी ढांचागत विकास को आगे बढ़ाने, किफायती आवास को आसानी से ऋण उपलब्ध करवाने की मांग की है। 2024 में रियल एस्टेट क्षेत्र में एक मजबूत सुधार देखा गया, जिसमें आवासीय मांग 11 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई और ऑफिस पट्टा रिकॉर्ड 53.3 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंच गया।

शापुरजी पाल्लोनजी रियल एस्टेट के निदेशक समूह प्रमोटर वेंकटेश गोपालकृष्णन कहते हैं, बजट में मध्यम आय वर्ग के लिए टैक्स स्लैब में संशोधन करने और कच्चे माल की बढ़ती कीमतों को स्थिर करने की जरूरत है। इससे निर्माण लागत में कम होगी और किफायती आवास की मांग को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा क्षेत्रीय जरुरतों को देखते हुए ग्रीन हाउस को प्रोत्साहित करना और आवास नीति को और अधिक समावेशी बनाया जाए, वहीं कारोबार को आसान करने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस को प्रोत्साहित करने से इस ओर निवेश आकर्षित होगा। साथ ही रेपो दर और स्टांप ड्यूटी को यदि कम किया जाता है तो आवास की मांग में और वृद्धि होने की संभावना है।

पार्टनर पल्लाडियन पार्टनर्स लिमिटेड पीयूष रामभिया कहते हैं पिछले कुछ समय से किफायती आवास कैटेगरी को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, बिक्री में इसकी हिस्सेदारी 2019 में 38 प्रतिशत से गिरकर 18 प्रतिशत पर पहुंच गई है। 2025 के लिए हमें उम्मीद है केंद्रीय बजट आवास के लिए बुनियादी ढांचे की स्थिति, किफायती और आसानी से लोन मिलने और क्रेडिंग लिंक्ड सब्सिडी योजना को फिर से शुरू किया जाना चाहिए और बाजार की वास्तविकताओं को देखते हुए सुधारों के जरिए किफायती आवास कैटेगरी को पुनर्जीवित करने जैसे उपायो पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

एनएआर इंडिया इंडिया के अध्यक्ष अमिल चोपड़ा कहते हैं, रियल एस्टेट क्षेत्र बजट में आवश्यक सुधारों की उम्मीद कर रहा है, एक बड़ी उम्मीद ब्रोकरेज सेवाओं पर जीएसटी को इनपुट क्रेडिट के साथ 18 प्रतिशत से घटाकर इनपुट क्रेडिट के बिना 5 प्रतिशत किया जाए, इससे खरीदारों और ब्रोकरर्स दोनों वित्तीय बोझ कम होगा। होमलोन पर उच्च कर छूट के साथ किफायती आवास के लिए बेहतर प्रोत्साहन देने की जरूरत बजट में है। इन उपायों से घरों को किफायती बनाने में मदद मिलेगी और अधिक नेवेश आकर्षित हो सकेगा। इसके अलावा स्टांप ड्यूटी शुल्क और पंजीकरण शुल्क को कम करने तथा ब्याज दरों को कम करने से विशेष रूप से पहली बार घर खरीदारों के लिए और इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।

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