वकीलों से मारपीट मामले में आठ लोगों को अवमानना नोटिस, कोर्ट ने कहा- 16 जून तक दाखिल करें जवाब

कोलकाता: कलकत्ता हाईकोर्ट ने 25 अप्रैल को न्यायालय परिसर के पास वकीलों से हुई कथित मारपीट के मामले में आठ लोगों के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने अवमाननाकर्ताओं को मामले की अगली सुनवाई 16 जून तक अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
इस बीच, कोर्ट के पिछले आदेश के अनुसार कोलकाता पुलिस आयुक्त ने तीन न्यायाधीशों की विशेष पीठ के समक्ष घटना की रिपोर्ट प्रस्तुत की। अदालत ने यह भी पाया कि अवमाननाकर्ताओं की ओर से वकील तो मौजूद थे, लेकिन किसी ने भी पीठ के समक्ष हलफनामा प्रस्तुत नहीं किया।
पुलिस आयुक्त को रिपोर्ट दाखिल करने का दिया था निर्देश
पीठ ने 2 मई को कोलकाता पुलिस आयुक्त को वकीलों से कथित रूप से की गई मारपीट के मामले में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। पीठ ने उन्हें वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया। तीन न्यायाधीशों की विशेष पीठ ने कोलकाता पुलिस आयुक्त को जांच करने और वकीलों को परेशान करने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान करने के लिए भी कहा। पीठ ने यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
हाईकोर्ट ने घटना का स्वत: संज्ञान लेकर गठित की थी विशेष पीठ
पीठ ने पुलिस आयुक्त से यह भी कहा है कि वह हाईकोर्ट परिसर के पास किरण शंकर रॉय रोड और ओल्ड पोस्ट ऑफिस स्ट्रीट के जंक्शन पर हुई घटना की सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखें। हाईकोर्ट ने इस घटना का स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें कथित तौर पर वरिष्ठ वकील विकास रंजन भट्टाचार्य सहित कई वकीलों के साथ कथित रूप से मारपीट की गई थी। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगनम ने न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी, न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की तीन न्यायाधीशों की विशेष पीठ का गठन किया था। दो मई को पीठ ने कहा था कि प्रथम दृष्टया यह सामने आया है कि न्याय के समुचित प्रशासन में हस्तक्षेप करके और न्यायपालिका को बदनाम करके आपराधिक अवमानना की गई है।