वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंकिंग धोखाधड़ी में बड़ा इजाफा, इसमें शामिल राशि आठ गुना बढ़ी
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंक धोखाधड़ी के मामले उल्लेखनीय रूप से बढ़े हैं। इनकी संख्या 18,461 हो गई है, जबकि इसमें शामिल राशि आठ गुना से अधिक बढ़कर 21,367 करोड़ रुपये हो गई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से गुरुवार को इससे जुड़े आंकड़े जारी किए गए।
भारतीय रिजर्व बैंक ने भारत में बैंकिंग की प्रवृत्ति और प्रगति रिपोर्ट 2023-24 जारी की है। यह रिपोर्ट 2023-24 और 2024-25 के दौरान अब तक वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों सहित बैंकिंग क्षेत्र के प्रदर्शन के बारे में बताती है।
रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल-सितंबर के दौरान बैंकिंग धोखाधड़ी की संख्या 18,461 थी, इसमें शामिल राशि 21,367 करोड़ रुपये थी। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में ऐसे मामलों की संख्या 14,480 थी, जिनमें 2,623 करोड़ रुपये की राशि शामिल थी।
रिपोर्ट के अनुसार बैंकिंग धोखाधड़ी से वित्तीय प्रणाली के लिए प्रतिष्ठा जोखिम, परिचालन जोखिम, व्यावसायिक जोखिम और वित्तीय स्थिरता पर प्रभाव के साथ ग्राहक विश्वास में कमी जैसी चुनौतियां पैदा होती है।
आरबीआई ने वित्तीय वर्ष 2023-24 वित्तीय वर्ष के संबंध में, आरबीआई ने कहा कि बैंकों की ओर से रिपोर्टिंग की तारीख के आधार पर, धोखाधड़ी में शामिल राशि एक दशक में सबसे कम थी, जबकि औसत मूल्य 16 वर्षों में सबसे कम था।