विदेशी निवेशकों के लौटने से झूमा बाजार; सेंसेक्स 1079 अंक चढ़ा, निफ्टी 23650 के पार

घरेलू शेयर बाजार के बेंचमार्क सूचकांक लगातार छठे दिन हरे निशान पर बंद हुए। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,078.87 अंक या 1.40 प्रतिशत उछलकर छह सप्ताह के उच्चतम स्तर 77,984.38 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 1,201.72 अंक या 1.56 प्रतिशत बढ़कर 78,107.23 अंक पर पहुंच गया। एनएसई निफ्टी 307.95 अंक या 1.32 प्रतिशत बढ़कर 23,658.35 अंक पर पहुंच गया। कारोबार के दौरान बेंचमार्क 358.35 अंक या 1.53 प्रतिशत बढ़कर 23,708.75 अंक पर पहुंच गया। सोमवार के कारोबारी सत्र के दौरान एसबीआई और एनटीपीसी के शेयरों में चार-चार प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।

शेयर बाजार में तेजी का क्या कारण?
शेयर बाजार में तेजी विदेशी फंड प्रवाह और बैंकिंग और तेल व गैस शेयरों में खरीदारी के कारण आई। इससे बेंचमार्क इक्विटी सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में सोमवार को 1 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई। जानकारों के अनुसार, अमेरिका और यूरोपीय बाजारों में सकारात्मक रुख से घरेलू शेयर बाजारों में तेजी आई।

सेंसेक्स में शामिल शेयरों में एनटीपीसी, कोटक महिंद्रा बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, टेक महिंद्रा, पावर ग्रिड, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक, एचसीएल टेक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और बजाज फाइनेंस में सर्वाधिक लाभ रहा। टाइटन, इंडसइंड बैंक, जोमैटो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारती एयरटेल, नेस्ले और इंफोसिस पिछड़ गए।

एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 7,470.36 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। बीते हफ्ते मासिक एफएंडओ समाप्ति से पहले शॉर्ट कवरिंग ने तेजी को बढ़ावा दिया। इस दौरान, सेंसेक्स चौतरफा खरीदारी के कारण दिन के कारोबार के दौरान 78 हजार का मनोवैज्ञानिक स्तर पार करने में सफल रहा।

एशियाई बाजारों में शंघाई और हांगकांग में तेजी, यूरोपीय बाजार भी हरे निशान पर
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, “विदेशी निवेशकों की नई आशावादिता तथा अमेरिका और यूरोपीय बाजारों के मजबूत संकेतों से धारणा को और बल मिला।” एशियाई बाजारों में शंघाई और हांगकांग में तेजी रही जबकि सियोल और टोक्यो में गिरावट रही। यूरोपीय बाजार सकारात्मक दायरे में कारोबार कर रहे थे। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार हरे निशान में बंद हुए। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 0.07 प्रतिशत बढ़कर 72.21 डॉलर प्रति बैरल हो गया।

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