सेवानिवृत्त फौजी के अपहरण में दो सगे भाइयों को उम्रकैद, कोर्ट ने 50-50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया

जालौन: सेवानिवृत्त फौजी के अपहरण के मामले में दोष सिद्ध होने पर न्यायाधीश ने दो सगे भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही 50-50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर तीन-तीन साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।

माधौगढ़ कोतवाली क्षेत्र के बंगरा गांव निवासी कैलाश नारायण के पुत्र अरविंद कुमार शर्मा सेना में जवान थे। सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद वह उरई के बीएसएनएल ऑफिस में गार्ड की नौकरी करने लगे थे। वह गांव से बस से ड्यूटी करने उरई आते थे। पिता कैलाश नारायण ने दो मई 2006 को माधौगढ़ थाने में सूचना दी कि 14 अप्रैल 2006 को उनका पुत्र अरविंद घर से उरई के लिए निकला था।

बताया कि उरई के जिला परिषद चौराहे पर बस से उतरे तो उन्हें छोटा भाई अजय कुमार शर्मा मिल गया। जिसके बाद दोनों की बातचीत हुई। फिर अरविंद पैदल ही बीएसएनएल ऑफिस के लिए चल दिए। इसी दौरान मंशापूर्ण मंदिर से पहले मार्शल जीप लिए खड़े ग्राम रूरा सिरसा थाना रेंढ़र निवासी शत्रुघ्न सिंह और उसके भाई सत्यभान सिंह ने अरविंद को रोका और पैर छूकर मार्शल में बैठाकर कार्यालय की तरफ चल दिए।

इसी दौरान छोटा भाई अजय कुमार शर्मा मार्शल के पास पहुंचा तो दोनों भाइयों ने मार्शल तेजी से कानपुर की तरफ दौड़ा दी। इस पर अजय ने इसकी सूचना अपने पिता कैलाश को दी थी। क्योंकि शत्रुघ्न सिंह व सत्यभान सिंह से रंजिश थी। बेटे की उन्होंने खोजबीन की परउसका पता नहीं चला। 15 अप्रैल को झांसी-कानपुर रोड पर चमारी नाला के जंगल में आटा थाना पुलिस को एक शव मिला था। जिसकी शिनाख्त कैलाश ने अपने बेटे अरविंद के रूप में की थी।

Related Articles

Back to top button