एलडीए को सौंपी गई जेपीएनआईसी की जिम्मेदारी, इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान की तर्ज पर होगा शुरू

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में आठ वर्षों से बंद जय प्रकाश नारायण इंटरनेशलन सेंटर (जेपीएनआईसी) जल्द ही खुलेगा। सरकार ने इसकी कमान लखनऊ विकास प्राधिकरण को सौंप दी है। हैंडओवर के बाद अब सेंटर की जिम्मेदारी एलडीए की ही होगी। इसे इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान की तर्ज पर चलाया जाएगा।

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार जेपीएनआईसी एलडीए को हैंडओवर कर रही है। इसके संचालन के लिए नीतियां बनाई जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि जेपीएनआईसी को बहुउद्देश्यीय सम्मेलन केंद्र के रूप में तैयार किया गया था। करीब 18.6 एकड़ में फैले इस केंद्र का निर्माण वर्ष 2013 में शुरू किया गया था। इसका ठेका रियल एस्टेट कंपनी शालीमार के संजय सेठ को दिया गया।

वर्ष 2016 तक इस केंद्र की इमारत पर 813 करोड़ रुपये खर्च किए गए। 11 अक्तूबर 2016 को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। ऑल वेदर ओलंपिक साइज स्वीमिंग पूल और बहुउद्देश्यीय कोर्ट में खेलों से जुड़ी प्रस्तुति भी कराई गई। बाद में इस हिस्से को बंद कर दिया गया।

रख-रखाव पर खर्च होंगे 70 करोड़
अधिकारियों ने बताया कि जेपीएनआईसी को लीज पर देने का फैसला किया गया था। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर इसे चलाने के लिए 100 करोड़ रुपये के खर्च का आकलन हुआ, लेकिन सरकार से मंजूरी नहीं मिली। सेंटर का स्वीकृत बजट 864 करोड़ रुपये था। इसे संशोधित कर 920 करोड़ रुपये किया गया।

लगाए गए थे भ्रष्टाचार के आरोप
वर्ष 2017 में प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद आवास राज्यमंत्री सुरेश पासी ने जेपीएनआईसी के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए थे। इसके चलते सेंटर को बंद कर दिया गया था।

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