‘चीन से सामान आयात कर US भेजा तो देना पड़ेगा भारी टैक्स’, वाणिज्य मंत्रालय की घरेलू उद्योग को चेतावनी

वाणिज्य मंत्रालय ने भारतीय निर्यातकों को सख्त चेतावनी दी है कि अमेरिका को माल भेजते वक्त वहां के रूल्स ऑफ ओरिजिन (उत्पत्ति के नियम) का पूरी तरह पालन करें। मंत्रालय ने कहा कि अगर चीन जैसे उच्च-शुल्क वाले देशों से उत्पाद खरीदकर पर्याप्त मूल्य संवर्धन के बगैर भारत से अमेरिका भेजा गया, तो इसे ट्रांसशिपमेंट माना जाएगा।

ट्रांसशिपमेंट एक देश से उत्पादों को खुद के देश में आयात करने और फिर इसे आमतौर पर बगैर खास बदलाव या मूल्य संवर्धन (उत्पाद की कीमत बढ़ाने) के दूसरे देश में निर्यात करने की प्रक्रिया है। मंत्रालय का कहना है कि यह अमेरिका के उत्पत्ति के नियमों के खिलाफ है। इससे भारतीय निर्यातकों को नुकसान हो सकता है और उन पर भारी टैक्स या प्रतिबंध लग सकते हैं। मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, इस मामले में मंत्रालय उद्योगों के साथ मिलकर काम करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय निर्यातकों को कोई नुकसान न हो।

सिर्फ असेंबली, पैकेजिंग काफी नहीं होगी
बताते चलें कि दो मई को मंत्रालय की तरफ से आयोजित एक बैठक में विशेष सचिव और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के (बीटीए) मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल ने निर्यातकों के साथ इस मुद्दे पर बात की। इसमें मंत्रालय ने निर्यातकों को अमेरिकी सीमा शुल्क नियमों और मूलभूत रूपांतरण की शर्तों यानी किसी उत्पाद को वास्तव में नया रूप,उपयोग या पहचान देने के बारे में समझाया गया। उन्हें आश्वासन दिया गया कि मूल्य संवर्धन के नियमों को स्पष्ट और तय करने की दिशा में काम होगा ताकि उद्योगों को इसे लेकर भ्रम न हो। निर्यातकों को या तो यह सुनिश्चित करना होगा कि सामान पूरी तरह भारत में बना हो या उसमें ऐसा रूपांतरण हुआ हो जिससे उसका नाम,उपयोग या स्वरूप बदले सिर्फ असेंबली, पैकेजिंग या लेबलिंग काफी नहीं होगी।

Related Articles

Back to top button