जगदगुरू परमहंस आचार्य की सुरक्षा में कटौती, तपस्वी छावनी पर कब्जे की आशंका, हनुमानगढ़ी से मिला समर्थन

अयोध्या: तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगदगुरु परमहंस आचार्य की सुरक्षा में कटौती की गई है। इसके बाद तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर ने गंभीर आरोप लगाते हुए तपस्वी छावनी पर कब्जे की आशंका व्यक्त करते हुए हनुमानगढ़ी से मदद मांगी है। जिस पर हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत और निर्वाणी अनी अखाड़ा के महासचिव के नेतृत्व में उज्जैनिया पट्टी के महंत संत रामदास के आवास पर हनुमानगढ़ी के संतों ने बैठक कर एकमत से तपस्वी छावनी पर किसी भी तरीके के कब्जे का विरोध करते हुए जगदगुरु परमहंस आचार्य का सहयोग करने की घोषणा करते हुए हनुमान जी की प्रतिमा भेंट की।
दरअसल तपस्वी छावनी मंदिर पर काफी लंबे समय से विवाद चल रहा है। मंदिर के महंत जगदगुरु परमहंस आचार्य के गुरु सर्वेश्वर दास के निधन के बाद भी मंदिर पर कब्जे का प्रयास किया गया था। इसके बाद हनुमानगढ़ी की तरफ से तपस्वी छावनी पर जगदगुरु परमहंस आचार्य को महंत नियुक्त किया गया था। हनुमानगढ़ी के संतों की ओर से अब परमहंस आचार्य का समर्थन करने की घोषणा की गई है।
संतों ने कहा कि तन, मन और धन से संत समाज तपस्वी छावनी को बचाने का प्रयास करेगा। तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगदगुरु परमहंस आचार्य ने आरोप लगाया कि उनके मंदिर और उनकी सुरक्षा हटा ली गई है। मंदिर पर कब्जा करने को लेकर किसी व्यक्ति की ओर से पहले सूचित किया गया था। जब हमने सूचना को सही नहीं माना तो फिर अचानक ही हमारे मंदिर और हमारी सुरक्षा हटा ली गई। इसके बाद यह स्पष्ट तो हो चुका है कि किसी भी समय एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति के इशारे पर हमारे मंदिर पर कब्जा किया जा सकता है।