फिल्मों में लीड हीरोइन से लेकर दादी तक के रोल में शम्मी आंटी ने किया कमाल, कभी थी पैसो की तंगी

‘हम साथ साथ हैं’ फिल्म की दादी तो आपको याद ही होंगी। वो दादी कोई और नहीं शम्मी आंटी ही थी। शम्मी आंटी ने अपने जीवन में 200 से अधिक फिल्मों में काम किया था। आज के दिन यानी 24 अप्रैल को शम्मी आंटी के जन्मतिथि के रूप में मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं उनके जीवन के बारे में।
नरगिस रबाडी के रूप में हुआ जन्म
शम्मी आंटी का जन्म 24 अप्रैल 1929 को मुंबई में नरगिस रबाडी के रूप में हुआ था। अभिनेत्री पारसी समुदाय से आती थीं। इनके पिता पारसी समुदाय में पादरी थे। शम्मी के पिता का जब निधन हुआ, तो वो सिर्फ तीन साल की थीं। इस वजह से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर हो गई थी। शम्मी की एक बड़ी बहन भी थी जिनका नाम था नीना रबाडी, जो आगे चलकर एक प्रसिद्ध डिजाइनर बनीं। परिवार की स्थिति ठीक ना होने के कारण शम्मी का पालन पोषण उनकी बड़ी बहन और मां ने किया था।
शम्मी के संघर्षों के दिन
परिवार की आर्थिक हालत ना ठीक होने के कारण शम्मी की बड़ी बहन ने जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी में सेक्रेटरी के तौर पर काम करना शुरु कर दिया। इसके बाद शम्मी ने भी मैट्रिक पास करने के बाद अपनी बहन के साथ काम करना शुरू किया। उनका काम था वहां उन टैबलेट्स को इकट्ठा कर बोतल में भरना, जो पैकिंग के दौरान मशीन से नीचे गिर जाती थी।
फिल्मों में बाई चांस मिली एंट्री और बनी शम्मी
अगर अभिनेत्री के फिल्मी सफर की शुरुआत की बात करें तो बहुत दिलचस्प है। शम्मी के पारिवारिक परिचय की वजह से उनकी मुलाकात फिल्म निर्माता और अभिनेता शेख मुख्तार से हुई। शेख मुख्तार उन दिनों अपनी एक अपकमिंग फिल्म में सेकेंड लीड के लिए एक नई एक्ट्रेस की तलाश में थे। शेख मुख्तार अभिनेत्री के पारसी होने के बावजूद उनकी हिंदी बोलने की कला से ताज्जुब थे। इस बात ने उन्हे इतना प्रभावित किया कि उन्होंने शम्मी को स्क्रीन टेस्ट के लिए बुलाया। इसके बाद निर्देशक तारा हरीश ने अभिनेत्री को कहा कि आप अपना नाम नरगिस से बदलकर शम्मी कर लें, क्योंकि उस समय नरगिस दत्त नाम की एक चर्चित अभिनेत्री भी थीं। फिर 18 साल की उम्र में शम्मी आंटी ने पहली फिल्म ‘उस्ताद पेड्रो’ कीं, जो हिट साबित हुई।