बहिनीपति का निलंबन वापस लिए जाने की मांग पर अड़ी बीजद-कांग्रेस; सदन के बाहर किया प्रदर्शन

भुवनेश्वर: ओडिशा विधानसभा में मंगलवार की तरह बुधवार का दिन भी भारी रहा। जहां विपक्षी कांग्रेस और बीजद ने विधानसभा से निलंबित वरिष्ठ कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति के निलंबन को तुरंत वापस लेने की मांग की। बुधवार सुबह जैसे ही विधानसभा में प्रश्नकाल शुरू हुआ, वैसे ही कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता राम चंद्र कदम ने इस मुद्दे पर बात करने की कोशिश की। हालांकि स्पीकर सुरमा पाढ़ी ने उन्हें अनुमति नहीं दी।
कांग्रेस विधायकों ने सदन से किया वॉकआउट
स्पीकर द्वारा निलंबन को वापस लेने के मुद्दे पर बातचीत करने की अनुमति नहीं दिए जाने पर कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। साथ ही विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गए। इसके बाद स्पीकर ने ओडिशा सरकार के मुख्य निर्देशक सरोज प्रधान से प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस सदस्यों से मिलकर उन्हें सदन में वापस आने का अनुरोध करने को कहा। बता दें कि बहिनीपति को मंगलवार को विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी विधायकों के बीच हाथापाई के बाद कदाचार और अनियंत्रित व्यवहार के कारण सात दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था।
बहिनीपति का निलंबन वापस लेने पर अड़े विपक्षी नेता
इसके पहले दिन में, बीजद के एक प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा में उपनेता प्रसन्ना आचार्य के नेतृत्व में स्पीकर पाढ़ी से मुलाकात की और बहिनीपति का निलंबन वापस लेने का अनुरोध किया। आचार्य ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि हमने अध्यक्ष से मुलाकात की और मंगलवार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि वह अपने फैसले पर एक बार फिर करेंगे। उन्होंने कहा कि विधानसभा केवल सत्ता पक्ष या विपक्ष के लिए नहीं है, बल्कि यह सभी के लिए है और सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सदन का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करे।
क्या है पूरा मामला, एक नजर
ओडिशा विधानसभा में मंगलवार को भाजपा और कांग्रेस विधायकों में हाथापाई हो गई थी। इसके बाद सदन में हो रहे हंगामे के बाद अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने दुर्व्यवहार को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति को सात दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया। सरकार की मुख्य सचेतक सरोज प्रधान कांग्रेस विधायक के खिलाफ नोटिस का प्रस्ताव दिया। इसे सदन ने स्वीकार कर लिया।