सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद बोले- साकार हुई PM की सोच, सिल्वर नोटिस MLAT से अधिक प्रभावी
नई दिल्ली : केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) के निदेशक प्रवीण सूद ने सिल्वर नोटिस के इस्तेमाल और इसके असर को लेकर विस्तार से अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विचार था, जिसे अब साकार किया जा सका है। सीबीआई निदेशक सूद के मुताबिक सिल्वर नोटिस विदेश में अवैध संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटाने के मकसद से अधिक प्रभावी है। उन्होंने कहा कि पारस्परिक कानूनी सहायता संधियों (एमएलएटी) की तुलना में हाल ही में शुरू किए गए इंटरपोल सिल्वर नोटिस अधिक असरदार उपकरण हैं।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी प्रवीण सूद और सीबीआई निदेशक ने कहा, इंटरपोल का सिल्वर नोटिस देशों को दुनिया भर में सूचना के लिए अलर्ट और अनुरोध साझा करने में सक्षम बनाता है। परंपरागत रूप से सूचनाएं पारस्परिक कानूनी सहायता संधियों (एमएलएटी) के तहत जुटाई जाती हैं, लेकिन नई प्रणाली पहले से अधिक कारगर है।
उन्होंने कहा, फिलहाल भारत के 45 देशों के साथ एमएलएटी हैं। अब इंटरपोल सिल्वर नोटिस से प्रक्रिया की पवित्रता बढ़ गई है। इंटरपोल नोटिस पहले की तुलना में अधिक स्वीकार्य है, जिसके माध्यम से सदस्य देशों से अधिक जानकारी जुटाई जा सकेगी।
प्रवीण सूद ने साफ किया कि सिल्वर नोटिस की शुरुआत के बाद भी एमएलएटी प्रभावी उपकरण बने रहेंगे। इंटरपोल नोटिस MLAT तुलना में आसान और देश-दर-देश स्तर के हैं। हालांकि, व्यापक पहुंच के बावजूद इनका इस्तेमाल कम होता है।
उन्होंने कहा कि इंटरपोल तंत्र के तहत, राज्य और केंद्रीय एजेंसियां विदेश से सूचनाएं हासिल करने के लिए भारतपोल का उपयोग करके सीबीआई के माध्यम से अनुरोध भेज सकती हैं। भारतपोल वैश्विक संगठन से संबंधित सभी मामलों के लिए देश के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में काम करेगा।