अब चुनाव के बाद आंकड़ों की रिपोर्टिंग होगी तेज और आसान, चुनाव आयोग ने पुरानी मैनुअल प्रणाली को बदला

नई दिल्ली:  भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने गुरुवार को घोषणा की कि उसने चुनाव के बाद की सांख्यिकीय रिपोर्टों को तैयार करने की प्रक्रिया को पहले से कहीं अधिक तेज और आधुनिक बना दिया है। अब पुरानी, समय लेने वाली मैनुअल प्रक्रिया की जगह एक उन्नत डिजिटल प्रणाली ले चुकी है।

पहले इस प्रक्रिया का किया जाता था पालन
अब तक, मतदान खत्म होने के बाद उम्मीदवारों, मतदाताओं और वोटों से जुड़ी जानकारी को अलग-अलग जगहों पर हाथ से भरे गए फॉर्म यानी ‘इंडेक्स कार्ड’ में लिखा जाता था। फिर इन कार्डों की जानकारी कंप्यूटर सिस्टम में डाली जाती थी और उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाती थी। इस पूरी प्रक्रिया में काफी समय लगता था और जानकारी देर से जनता तक पहुंचती थी। लेकिन अब आयोग ने इस पुराने तरीके को हटाकर ऑटोमेशन और डेटा इंटीग्रेशन पर आधारित एक नई प्रणाली लागू की है, जिससे रिपोर्टें बहुत जल्दी और सटीक तरीके से तैयार होंगी।

क्या है इंडेक्स कार्ड?
इंडेक्स कार्ड एक गैर-कानूनी लेकिन बेहद जरूरी रिपोर्टिंग फॉर्म है, जिसे चुनाव आयोग ने खुद तैयार किया है। इसका मकसद है कि हर लोकसभा या विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा चुनावी डेटा आसानी से उपलब्ध हो सके। इसमें उम्मीदवारों की संख्या और जानकारी, कुल मतदाता और कितने लोगों ने वोट डाला, प्रत्येक पार्टी और उम्मीदवार को मिले वोट, महिला और पुरुष वोटिंग पैटर्न, क्षेत्रवार वोटिंग रुझान, राजनीतिक पार्टियों का प्रदर्शन समेत कई जानकारियां शामिल होती हैं।

नई प्रणाली से क्या होगा फायदा?
नई प्रणाली से जानकारी जल्दी उपलब्ध होगी, वहीं देरी और गलतियों की संभावना भी कम होगी। इसके साथ ही डेटा पूरी तरह डिजिटल रूप में होगा। जो जनता और विश्लेषकों को चुनाव से जुड़ी जानकारी जल्दी और आसानी से मिलेगी।

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