भारत बना दुनिया का सबसे महंगा शेयर बाजार, नुवामा की रिपोर्ट में किया गया दावा

भारत दुनिया के सबसे महंगे इक्विटी बाजारों में से एक बना हुआ है। नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की नवीनतम रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। नुवामा रिसर्च ने बताया कि देश का 12 महीने का अग्रिम मूल्य से आय (पीई) अनुपात 23.3 है। यह प्रमुख वैश्विक और उभरते बाजारों से सबसे अधिक है। यह अनुपात अपने 10 साल के औसत से 1.6 स्टैंडर्ड डिविएशन ऊपर है, जो यह दर्शाता है कि भारतीय शेयर बाजार का मूल्यांकन ऐतिहासिक स्तरों की तुलना में काफी ऊंचा है।
पीई अनुपात से आप क्या समझते हैं?
पीई अनुपात यानी मूल्य-से-आय अनुपात एक वित्तीय संकेतक है जो यह दर्शाता है कि कोई निवेशक किसी कंपनी की एक रुपये की कमाई के लिए कितना भुगतान कर रहा है। पीई अनुपात 23.3 का मतलब है निवेशक अगले 12 महीनों में होने वाली अनुमानित कमाई के आधार पर शेयरों को 23.3 गुना कीमत पर खरीद रहे हैं।
पीबी अनुपात 3.4 के उच्च स्तर पर
रिपोर्य में यह भी बताया गया है कि भारत का 12 महीने का फॉरवर्ड प्राइस टू बुक (पीबी) अनुपात भी 3.4 के उच्च स्तर पर है। यह इसके 10 साल के औसत से 1.3 स्टैंडर्ड डिविएशन ऊपर है।
पीबी एक वित्तीय अनुपात है, जो किसी कंपनी के शेयर की कीमत की तुलना उसकी बुक वैल्यू (यानी, संपत्ति और देनदारियों के बीच का अंतर) से करता है। यह दर्शाता है कि बाजार किसी कंपनी की शुद्ध संपत्ति का मूल्यांकन कैसे कर रहा है।
अमेरिका दूसरे स्थान पर
भारतीय बाजार की तुलना में अमेरिका 12 महीने के अग्रिम पीई 22.4 और पीबी 4.7 के साथ दूसरे स्थान पर है। जबकि अमेरिका का पीई अनुपात भी अपने 10 साल के औसत से 1.6 स्टैंडर्ड डिविएशन ऊपर है, जो भारत जितना ही है। हालांकि, पीबी अनुपात 1.9 स्टैंडर्ड डिविएशन ऊपर है, जो भारत (1.3) की तुलना में काफी अधिक है।
अन्य उभरते बाजार की स्थिति
अन्य उभरते बाजार जैसे ताइवान पीई 16.1, पीबी 2.7 फिलीपींस पीई 10.6, पीबी 1.6, इंडोनेशिया पीई 11.2, पीबी 1.0 बहुत कम मूल्यांकन पर कारोबार कर रहे हैं।
अन्य उभरते बाजारों की तुलना में भारत महंगा
रिपोर्ट के अनुसार व्यापाक उभरते बाजार (ईएम) सूचकांक का अग्रिम पीई 12.8 और पीबी 1.7 है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत अन्य उभरते बाजारों की तुलना में कहीं अधिक महंगा है।