एक कानून को दी मंजूरी और खतरे में पड़ गई जेलेंस्की की कुर्सी, लोग बोले- ये लोकतंत्र से विश्वासघात है

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की एक नए भ्रष्टाचार विरोधी कानून को मंजूरी देने के बाद जनता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तीखी आलोचना का सामना कर रहे हैं। इस कानून के खिलाफ राजधानी कीव सहित कई शहरों में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया। यह यूक्रेन में तीन साल से चल रहे युद्ध के दौरान सरकार के खिलाफ पहला बड़ा जनविरोध माना जा रहा है।

जेलेंस्की का कहना है कि नया कानून भ्रष्टाचार के मामलों में तेजी से सजा सुनिश्चित करेगा और जांच में देरी को रोकेगा। लेकिन प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इस कानून के जरिए राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एनबीएयू) और विशेष भ्रष्टाचार अभियोजक कार्यालय (एसएपीओ) जैसी स्वतंत्र एजेंसियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाया जा रहा है।

यूरोपीय संघ की सदस्यता पर पड़ सकता है असर
यूरोपीय संघ के नेताओं और मानवाधिकार संगठनों ने भी इस कानून की आलोचना की है। जर्मनी और यूरोपीय रक्षा आयोग ने स्पष्ट कहा है कि भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों की स्वतंत्रता सीमित करना, यूक्रेन की ईयू सदस्यता की राह में बड़ी रुकावट बन सकता है। ईयू अधिकारियों ने यह भी कहा कि युद्ध के दौरान जनता और सरकार के बीच विश्वास बेहद जरूरी है, जिसे खोना आसान लेकिन बनाना बेहद कठिन होता है।

पारदर्शिता इंटरनेशनल ने उठाए सवाल
पारदर्शिता इंटरनेशनल की यूक्रेन शाखा ने संसद के फैसले को यूक्रेन की लोकतांत्रिक सुधारों के खिलाफ बताया है। उन्होंने इसे देश की भ्रष्टाचार विरोधी प्रणाली को तोड़ने की साजिश कहा है। संगठन ने यह भी कहा कि यह कदम अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के विश्वास को नुकसान पहुंचाता है।

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