तेलंगाना में जंगलों की कटाई पर कोर्ट सख्त, धर्मस्थल हत्याकांड पर याचिका सुनने से किया इनकार

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के धर्मस्थल हत्याकांड से जुड़े गैग ऑर्डर के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। यह याचिका बंगलूरू की एक अदालत के उस अंतरिम आदेश के खिलाफ थी, जिसमें 390 मीडिया संस्थानों को करीब 9,000 लिंक और खबरें हटाने का निर्देश दिया गया था। चीफ जस्टिस की बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह पहले हाईकोर्ट जाए। यह मामला श्री मंजुनाथस्वामी मंदिर के सचिव हर्षेन्द्र कुमार द्वारा दायर मानहानि केस से जुड़ा है। केस में महिला हत्या के आरोपों की जांच के लिए एसआईटी भी गठित हो चुकी है।
पावर कट से प्रभावित नीट छात्रों को राहत नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को NEET-UG 2025 में बिजली गुल होने से प्रभावित दो छात्रों को काउंसलिंग में शामिल होने की अंतरिम अनुमति देने से इनकार कर दिया। जस्टिस पी. एस. नरसिम्हा और ए. एस. चंदूरकर की बेंच ने कहा कि याचिकाओं पर अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी। दोनों छात्रों नव्या नायक और एस साई प्रिया ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें री-टेस्ट की मांग खारिज कर दी गई थी। एनटीए की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लाखों छात्रों की परीक्षा प्रभावित नहीं की जा सकती। अदालत ने कोई अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया।
तेलंगाना में जंगलों की कटाई पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना के कांचा गचिबोवली इलाके में जंगलों की अंधाधुंध कटाई पर सख्त रुख अपनाया है। चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सतत विकास जरूरी है, लेकिन इसका मतलब जंगलों पर बुलडोजर चलाना नहीं है। अदालत कांचा गचिबोवली में पेड़ों की कटाई के मामले की स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने पूछा कि जब कोर्ट की छुट्टी थी, तब ही क्यों पेड़ काटे गए? इससे पहले 15 मई को कोर्ट ने जंगल की बहाली या अफसरों को जेल भेजने की चेतावनी दी थी। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 13 अगस्त तय की है। अदालत ने राज्य सरकार से 100 एकड़ काटे गए जंगल की पुनर्स्थापना की योजना भी मांगी है।
जस्टिस वर्मा की याचिका पर सुनवाई के लिए गठित होगी पीठ
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह एक बेंच गठित करेगा जो जस्टिस यशवंत वर्मा की उस याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें उन्होंने आतंरिक जांच समिति की उस रिपोर्ट को चुनौती दी है, जिसमें उनके खिलाफ उनके आवास पर नकदी मिलने के मामले में टिप्पणी की गई थी। यह मामला आज चीफ जस्टिस (सीजेआई) बी आर गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस जयमाल्या बागची की बेंच के समक्ष उठाया गया। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, मुकुल रोहतगी, राकेश द्विवेदी, सिद्धार्थ लूथरा, सिद्धार्थ अग्रवाल और वकील जॉर्ज पोटन पूथिकोटे, मनीषा सिंह समेत अन्य लोग जस्टिस वर्मा की ओर से पेश हुए। उन्होंने कहा, हमने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज की ओर से याचिका दायर की है। इसमें कुछ सांविधानिक मुद्दे शामिल हैं। मैं निवेदन करता हूं कि जल्द से जल्द एक बेंच गठित की जाए। सीजेआई ने जवाब में कहा कि इस मामले को लेना उनके लिए उचित नहीं होगा। इसके बाद उन्होंने कहा, हम इस पर विचार करेंगे और एक उपयुक्त बेंच बनाएंगे।