ब्रिटेन की वित्त मंत्री का चीन दौरा, व्यापार-निवेश पर चर्चा; उप-प्रधानमंत्री लिफेंग से मुलाकात
ब्रिटेन की वित्त मंत्री रेचल रीव्स ने इस साप्ताहांत पर चीन पहुंचीं, जहां उन्होंने 2019 के बाद से पहली बार ब्रिटेन-चीन आर्थिक और वित्तीय संवाद (ईएफडी) बैठक में भाग लिया। उनके दौरे का मुख्य उद्देश्य चीन के साथ व्यापार और निवेश के क्षेत्रों में ‘साझा आधार’ तलाशना है।
रीव्स ने शनिवार को चीन के उप प्रधानमंत्री हे लिफेंग से मुलाकात की, जहां दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने पर चर्चा की। ब्रिटेन के वित्त मंत्रालय ने कहा, इस बातचीत से ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को 600 मिलियन पाउंड का लाभ हो सकता है। दोनों पक्षों ने वित्तीय सेवाओं, व्यापार, निवेश और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग गहरा करने पर सहमति जताई।
ब्रिटेन की वित्त मंत्री ने कहा,अपने मतभेदों के बावजूद व्यापार और निवेश के क्षेत्र में हम एक-दूसरे के साथ दीर्घकालिक आर्थिक संबंध बना सकते हैं, जो कि राष्ट्रहित में होगा। इस दौरान रीव्स के साथ वित्तीय सेवा के क्षेत्र से जुड़े प्रुख अधिकारी भी थे, जिनमें भारतीय मूल के निखिल राठी (एफसीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी) और बैंक ऑफ इंग्लैंड के ग्वर्नर एंड्रयू बैली शामिल थे।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की पिछले साल जी20 शिखर सम्मेलन में मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने ब्रिटेन और चीन के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की थी। अब ब्रिटेन की विदेश मंत्री का बीजिंग दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
रेचल रीव्स ने हांगकांग में अधिकारों की रक्षा करने और रूस के साथ युद्ध में चीन के समर्थन का मुद्दा भी उठाया। चीन ने लंदन में 2025 में एक नया ग्रीन बॉन्ड जारी करने का एलान किया है। यह बॉन्ड पर्यावरण से जुड़ी परियोजनाओं के लिए पैसा जुटाएगा। इसके अलावा, ब्रिटेन और चीन ने वित्तीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए नए कदम उठाए हैं। इनमें ब्रिटेन और चीन के शेयर बाजार को जोड़ने और बॉन्ड व्यापार को बढ़ावा देने की योजना शामिल है।
‘ब्रिटेन-चीन आर्थिक और वित्तीय संवाद'(ईएफडी) का मकसद ब्रिटेन की कंपनियों के लिए चीन में व्यापार की बाधाओं को कम करना और उन्हें नए अवसरों का लाभ दिलाना है। रीव्स ने शंघाई में भी ब्रिटेन और चीन के व्यापार प्रतिनिधियों से मुलाकात की।