विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां 10 महीने के शीर्ष पर, नए ऑर्डर की रफ्तार 14 साल में सबसे ज्यादा

देश के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां अप्रैल, 2025 में सुधरकर 10 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गईं। इसमें नए ऑर्डर में मजबूत वृद्धि की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) पिछले महीने बढ़कर 58.2 पहुंच गया, जो जून, 2024 के बाद सबसे ज्यादा है। मार्च में विनिर्माण पीएमआई 58.1 रहा था। एचएसबीसी इंडिया की मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, नए निर्यात ऑर्डर में उल्लेखनीय वृद्धि भारत में उत्पादन में संभावित बदलाव का संकेत दे सकती है। व्यवसाय उभरते व्यापार परिदृश्य और अमेरिकी शुल्क घोषणाओं के अनुकूल हो रहे हैं। इस सकारात्मक प्रवृत्ति के साथ रोजगार और खरीद गतिविधि में बड़ा उछाल देखने को मिला है।
कंपनियों को उत्पादन बढ़ने की उम्मीद
कीमतों के मोर्चे पर भंडारी ने कहा, भारतीय वस्तुओं की मजबूत मांग ने कंपनियों की मूल्य निर्धारण क्षमता को बढ़ावा दिया। इससे कच्चे माल की लागत में मामूली वृद्धि के बावजूद बिक्री शुल्क अक्तूबर, 2013 के बाद सबसे अधिक बढ़ गया। भंडारी ने कहा, अप्रैल के आंकड़े बताते हैं कि विनिर्माण क्षेत्र की कंपनियों में आने वाले वर्ष में उत्पादन बढ़ने की संभावनाओं को लेकर धारणा मजबूत है। यह मांग में मजबूती की उम्मीदों से प्रेरित है।
नए ऑर्डर की रफ्तार 14 साल में सबसे ज्यादा
सर्वे के मुताबिक, उत्पादन के मोर्चे पर सुधार में योगदान देने वाला एक प्रमुख कारक नए व्यवसाय में तेज वृद्धि रही। विनिर्माण क्षेत्र की विस्तार दर को बेहतर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग से समर्थन मिला। वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत में घरेलू विनिर्माण कंपनियों को विदेश से मिलने वाला नया ऑर्डर 14 वर्ष में सबसे अधिक तेजी से बढ़ा। अफ्रीका, एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिका से घरेलू कंपनियों को सबसे ज्यादा ऑर्डर मिले।