वैश्विक व्यापार समझौते की आशंका के बीच पीली धातु में नरमी, चांदी भी फिसली, जानें आज का भाव

कमजोर वैश्विक मांग के बीच सोमवार को राजधानी दिल्ली में सोने का भाव 170 रुपये घटकर 1,01,370 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 150 रुपये गिरकर 1,00,550 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा। वहीं चांदी की कीमत एक हजार रुपये घटकर 1,07,100 रुपये प्रति किलोग्राम रही। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने इसकी पुष्टि की है। शुक्रवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाली बहुमूल्य धातु 1,01,540 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 1,00,700 रुपये प्रति 10 ग्राम था। इसके अलावा चांदी की कीमत 1,08,100 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
एमसीएक्स में सोना अपने उच्च स्तर पर पहुंचा
वायदा कारोबार में, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने का सबसे ज्यादा कारोबार वाला अगस्त अनुबंध 358 रुपये की गिरावट के साथ 99,918 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था। इस बीच, एमसीएक्स पर सुबह के सत्र में बहुमूल्य धातु 802 रुपये चढ़कर 1,01,078 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई।
वैश्विक व्यापार समझौते ने सोने को कमजोर किया
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक (कमोडिटी एवं करेंसी) जतिन त्रिवेदी ने कहा कि भारत-अमेरिका, भारत-चीन और अमेरिका-यूरोपीय क्षेत्रों के बीच कई संभावित व्यापार सौदों की खबरों के बाद मुनाफावसूली देखी गई। इससे सोना 99,800 रुपये के आसपास सीमित दायरे में कारोबार कर रहा था। सुरक्षित निवेश की मांग में कमी के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सोने में मामूली सुधार हुआ।
इस्राइल-ईरान संघर्ष से सोने को मजबूती मिलने की संभावना
वैश्विक स्तर पर सोना हाजिर 13.23 डॉलर प्रति औंस की गिरावट के साथ 3,419.41 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। अबान्स फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चिंतन मेहता ने कहा कि सोने की कीमतों में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन यह रिकॉर्ड ऊंचाई पर बरकरार है। इस्राइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण निवेशक सुरक्षित निवेश वाली परिसंपत्तियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। मेहता ने कहा कि व्यापारियों का मानना है कि पश्चिम एशिया में जारी अनिश्चितता से सर्राफा कीमतों को अच्छा समर्थन मिलेगा।
फेडरल बैंक की बैठक पर निवेशकों की नजर
कोटक सिक्योरिटीज की कमोडिटी रिसर्च की एवीपी कायनात चैनवाला के अनुसार इस सप्ताह निवेशकों की निगाहें अमेरिकी फेडरल बैंक की मौद्रिक नीति के विभिन्न निर्णयों पर रहेंगी। उन्होंने कहा कि बुधवार को होने वाली केंद्रीय बैंक की होने वाली बैठक से ही ब्याज दरों में कटौती के बारे में मार्गदर्शन मिलेगा।