हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जजों की पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित, कहा- इस मुद्दे का समाधान ढूंढने की जरूरत

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को मिल रही पेंशन पर चिंता जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि हम उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की पेंशन में असमानता के मुद्दे का समाधान खोजने के लिए उत्सुक हैं। न्यायमूर्ति बीआर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह और के विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि हम इस मामले को एक बार में हमेशा के लिए सुलझाना चाहते हैं।

पीठ ने कहा कि हम शुरू से ही बात कह रहे हैं कि इस मुद्दे का समाधान ढूंढने की जरूरत है। हम कानून बनाने के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की पेंशन से जुड़े मुद्दे वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से कहा कि हमें पता है कि आप यहां हैं तो इस मुद्दे का हल जरूर निकलेगा। हम इस मामले को एक बार में हल करना चाहते हैं। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 28 जनवरी को जारी रखने की बात कही।

सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के लिए पैसे नहीं
इससे पहले सात जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्यों के पास उन लोगों के लिए सारा पैसा है, जो कोई काम नहीं करते हैं। चुनाव आते हैं, आप लाड़ली बहना और अन्य नई योजनाओं की घोषणा करते हैं, जिसमें आप निश्चित राशि का भुगतान करते हैं। दिल्ली में हमारे पास अब किसी न किसी पार्टी की ओर से घोषणाएं हैं कि वे सत्ता में आने पर 2500 रुपये का भुगतान करेंगे। लेकिन जिला न्यायपालिका के न्यायाधीशों को वेतन और पेंशन देने की बात आने पर वे वित्तीय समस्याओं की दुहाई देने लगते हैं।

10 से 15 हजार रुपये पेंशन मिलना दयनीय स्थिति: सुप्रीम कोर्ट
पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत्त जजों की पेंशन को लेकर निराशा जाहिर की थी। कोर्ट ने कहा था कि हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को महज 10 से 15 हजार रुपये पेंशन मिल रही है। यह बेहद दयनीय स्थिति है। पीठ ने कहा था कि हर मामले में कानूनी दृष्टिकोण अपनाना ठीक नहीं है। कुछ मामलों में मानवीय दृष्टिकोण भी अपनाया जाए।

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