IMF से ऋण समीक्षा की मांग, FTF की ग्रे सूची में शामिल कराने की कोशिश

नई दिल्ली:  पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठा चुका भारत अब आतंकवाद के पनाहगाह पर आर्थिक शिकंजा कसने की तैयारी में है। इस रणनीति के तहत भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से पाकिस्तान को दिए गए ऋणों की समीक्षा करने को कहा है। साथ ही उसने पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की ग्रे सूची में शामिल कराने की कोशिश भी शुरू कर दी है। एफएटीएफ की ग्रे सूची में शामिल होने और आईएमएफ के ऋण मंजूरी नहीं देने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगेगा।

एक भारतीय सरकारी सूत्र ने शुक्रवार को बताया कि भारत ने आईएमएफ के समक्ष पाकिस्तान को दिए गए ऋण पर चिंता जताई और इसकी समीक्षा करने की मांग की है। सूत्र ने बताया कि पाकिस्तान ऋण से मिले पैसों का इस्तेमाल आतंकी हमलों और नापाक गतिविधियों में कर रहा है। आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड विस्तारित वित्तपोषण सुविधा की पहली समीक्षा के लिए 9 मई को पाकिस्तानी अधिकारियों से मुलाकात करेगा। आईएमएफ बोर्ड अपने जलवायु लचीलापन ऋण कार्यक्रम के तहत पाकिस्तान के लिए 1.3 अरब डाॅलर की नई व्यवस्था का मूल्यांकन करेगा। साथ ही वह पहले जारी 7 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज का भी आकलन करेगा।

पिछले साल एशियाई विकास बैंक ने पाकिस्तान को 764 सार्वजनिक क्षेत्र के ऋण, अनुदान और तकनीकी सहायता देने की प्रतिबद्धता जताई थी। इसकी कुल कीमत 43.4 अरब डॉलर है। इसके अलावा इस साल जनवरी में विश्व बैंक ने पाकिस्तान के लिए 20 अरब डॉलर के ऋण पैकेज को मंजूरी दी थी, ताकि नकदी की कमी से जूझ रहे देश को अपनी चुनौतियों से उबरने में मदद मिल सके। भारत एशियाई विकास बैंक और विश्व बैंक से पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद और ऋण पर पुनर्विचार करने को कहेगा। भारत का कहना है कि पड़ोसी मुल्क अंतरराष्ट्रीय मंचों से मिलने वाली आर्थिक सहायता और ऋण का उपयोग भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में करता है।

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