पीलीभीत में प्रशासन ने सपा कार्यालय कराया खाली, तीन घंटे हिरासत में रहे सपाई

पीलीभीत: पीलीभीत में करीब एक माह से चल रही जद्दोजहद के बाद बुधवार को आखिरकार नगरपालिका ने अपना ताला डालकर ईओ आवास में संचालित सपा कार्यालय पर कब्जा ले लिया। कार्यालय की बाहरी दीवारों की पोताई कराकर ईओ आवास लिख दिया गया। कब्जे की कार्रवाई के दौरान सपाइयों और पुलिस में धक्का-मुक्की भी हुई। सपा जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह जग्गा समेत करीब 27 पदाधिकारियों को हिरासत लिया गया। करीब तीन घंटे तक पुलिस लाइन में रखने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
शहर के नकटादाना चौराहा पर स्थित पीलीभीत नगर पालिका के ईओ आवास में वर्ष 2005 से सपा कार्यालय का संचालन किया जा रहा था। इसकी मियाद वर्ष 2020 में पूरी हो गई थी, लेकिन कार्यालय का संचालन चलता रहा। एक माह पूर्व नगर पालिका की ओर से कार्यालय को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके लिए प्रशासन के साथ सपा पदाधिकारियों को पत्राचार किया गया था।
प्रशासन ने दिया था छह दिन का समय
नोटिस चस्पा कर 10 जून को कार्यालय पर कब्जा लेने की बात कही गई। सिटी मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर, ईओ संजीव कुमार समेत अफसर और पुलिस बल की मौजूदगी में भवन पर कब्जा लेने के प्रयास किए गए। तीन घंटे तक चली जद्दोजहद के बाद सपा पदाधिकारियों के कहने पर छह दिन का समय दिया गया था।
मंगलवार को चस्पा किया अंतिम नोटिस
निर्धारित समयावधि बीत जाने पर मंगलवार को ईओ नगर पालिका की ओर से सपा कार्यालय के बाहर अंतिम नोटिस चस्पा किया गया। बुधवार सुबह सपाइयों के विरोध के मद्देनजर करीब चार थानों की फोर्स के अलावा पीएसी बल मौके पर पहुंचा। करीब 10 बजे सिटी मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर के आने के बाद ईओ नगर पालिका संजीव कुमार की ओर से भवन पर कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरू की गई।
27 पदाधिकारी रहे हिरासत में
सपा जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह जग्गा समेत पदाधिकारियों ने हंगामा और नारेबाजी की। कोर्ट का हवाला दिया। पुलिस और सपाइयों में धक्का-मुक्की भी हुई। जिलाध्यक्ष के अलावा नरेंद्र मिश्र कट्टर, यूसुफ कादरी, राजकुमार राजू, नफीस अंसारी समेत 27 पदाधिकारियों को हिरासत में लेकर वाहन से पुलिस लाइन भेजा गया। कब्जे की प्रक्रिया पूरी की गई। करीब तीन घंटे बाद सभी को छोड़ दिया गया।