सूडान में बदतर हुई मानवीय संकट की स्थिति, कोरडोफान और दारफुर क्षेत्रों में बढ़ा हिंसक संघर्ष

सूडान के कोरडोफान क्षेत्र में हिंसक संघर्ष में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं और दारफुर में हिंसा जारी है, जिससे देश के मानवीय संकट को बदतर बना दिया। राहत कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि उनके लिए लोगों तक मदद पहुंचाना अब बेहद मुश्किल हो गया है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, 12 जुलाई के सप्ताहांत पर उत्तर कोरडोफान प्रांत के बारा कस्बे के आसपास के गांवों पर हुए हमलों में 450 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें 35 बच्चे शामिल थे।
सूडान में मर्सी कॉर्प्स के कंट्री डायरेक्टर कादरी फुरानी ने एक बयान में कहा, हर दिन कोरडोफान में लोगों की तकलीफें बढ़ती जा रही हैं। लोग ऐसी जगहों पर फंसे हैं, जहां सामने से लड़ाई हो रही है। लोग न ही भाग सकते हैं और न ही उन्हें जरूरी मदद मिल पा रही है। केवल बारा में ही बीते एक हफ्ते में 60 लोगों की मौत हुई है।
सूडान में अप्रैल 2023 से तब युद्ध शुरू हुआ था, जब सेना और अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्से (आरएसएफ) के बीच लंबे समय से चल रहा तनाव खुलकर संघर्ष में बदल गया। इस हिंसा में अब तक 40 हजार से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं और यह दुनिया का सबसे खराब विस्थापन और भुखमरी संकटों में से एक बन गया है। हाल के महीनों में ज्यादातर संघर्ष दारफुर और कोरडोफान क्षेत्रों में हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने गुरुवार को पुष्टि की कि आरएसएफ ने 10 जुलाई से अब तक बारा शहर में 60 नागरिकों की हत्या की है, जबकि कुछ नागरिक संगठनों का दावा है कि यह संख्या 300 तक हो सकती है। गुरुवार को बारा में सेना की ओर से बमबारी में 11 लोगों की मौत हुई। सभी एक ही परिवार से थे। वहीं, 10 से 14 जुलाई के बीच सेना ने पश्चिम कोरडोफान क्षेत्र के दो गांवों पर हमला कर 23 लोगों को मार डाला और दो दर्जन से ज्यादा को घायल कर दिया। संगठन की संचार प्रबंधक ग्रेस वाइरीमा नदुंगु ने बताया कि मर्सी कॉर्प्स के एक राहतकर्मी के भाई की 13 जुलाई को उत्तरी कोरडोफान के उम सैमिमा गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई।